17/02/08

आईऎ आप की मुलाकत पागालो से ...

थोडा सम्भल कर भाई॥





1 comment:

  1. बहुत खूब! भई, कहां तक संभल कर रहें, पागलों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

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