20/01/08

हमारी ईटली यात्रा भाग ४

** वेटिकेन पुलिस **

नमस्कार,चलिये आज आप को आगे ले चलते हे,हम अभी डोम के अन्दर ही घुम रहे हे,चारो ओर आदमकश मुर्तिया ओर चित्र थे,काफ़ी पुरानी पेंटिग भी दिवारॊ,सत्म्बहॊ पर थी,देखने मे बहुत ही खूबसूरत, देखने पर पता नही चलता था की यह हजारो साल पुरानी हो सकती हे, उन चित्रो मे दिखया गया हे, पहले जमाने मे धर्म के नाम पर केसे केसे अत्यचार किये जाते थे,
** पिटर डोम के अन्दर एक दरवाजा ** नीचे का चित्र
धर्म को ना मनाने वाले के साथ केसा सलुक किया जाता था,एक तरफ़ पहले पोप से ले कर आज तक के पोप की पुरी लिस्ट लगी थी, वर्तमान पोप हमारे ज्रर्मनी का हे (जोज़फ़ रैत्सिंगर ) डोम के अन्दर एक तरफ़ प्रार्थना स्थाल हे जहा सभी बेठ कर प्रार्थना कर सकते हे, बेठ कर आराम कर सकते हे,एक जगह बहुत से लोगलाईन मे लगे थे,देखने पर पता चला यह लोग किसी मुर्ति के हाथ का स्पर्श करके माथे ओर आंखो पर लगा कर रहे थे,आगे जाने पर एक बहुत बडा दरवाजा दिखाई दिया ओरलोग अन्दर घुसने की कोशिश कर रहे थे, हम्ने भी कोशिश की तो वेटिकेन पुलिस मेन ने बाताया की अब अन्दर जाने का समय समाप्त हो गया हे, उस के बाद हम ओर आगे आये तो दुसरी ओर भी एक दरवाजा दिखाई दिया,यहां वही अन्दर जा सकते थे जिन्होने प्रार्थना मे हिसा ( भाग ) लेना हो,जरुरी नही वो इसी धर्म का मनाने वाला हो, यह डोम बहुत ही बडा ओर ऊचा था, हवा ओर रोशानी का प्रबन्ध भी बहुत अच्छा था, इतने सारे लोगो के वाबजुद भी अन्दर हवा तजी थी ओर अन्दर सुर्या देवताकी रोशानी भी काफ़ी थी,

petersdom
ओर काफ़ी ऊचाई पर छत पर चित्रो वाले शीशे रोशान दानो मे लगे थे,अन्दर से बहिर आने को दिल ही नही करता था किसी का,जिधार भी देखॊ बस देखते रहोतभी पता चला की अब डोम के बन्द करने का समय हो गया हे, तो मजबुरी मे हमे बेमन से बहिर आना पडा, यहां से निकल कर हम मुजियम की ओर बडे,लेकिन मुजियम का नाम सुन कर बीबी ओर बच्चे थक से गये हे बोले, तो हम थोडा वेटिकेन के आसपास घुमे, भुख भी बहुतलगी थी,बहिर सडक पर आने पर वहां देखा की बहुत से लोग मुर्तिया,चश्मे, घडियां,वगेरा वगेरा बेच रहे थे,इन लोगो से बच्चो ने थोडी बहुत माथा पच्ची की, एक भाई सहिब पीछे ही पडगये ओर एक केमरे का छोटा स्टेन्ड ८€ मे जबरदस्ती देगए, यहा से आगे आने पर काफ़ी लोग आप के पीछे पड जाते हे, एक सज्जन बोले आईये पिज्जा खाईए सिर्फ़ ६€ मे नो सर्विस चार्ज( ईटली मे रेस्तरारेन्त मे सर्विस चार्ज देना पड्ता हे टिप्स के अलाबा) हम उस भाई के साथ चल पडे, पता नही कितनी गलिया पार कर के वो हमे एक जगह ले आये, वहा: पहले ही काफ़ी काफ़ी मुर्गे थे हमारी तरहा से लाये गये,हम ने चार पिज्जे बुक किये जो थोडी देर मे ही आ गये,सब ने कुछ न कुछ पिया ओर पिज्जा खा कर ओर बिल दे कर हम बाहिर आ गये लेकिन यह कया भूख ओर भी बड गई, असल मे पिज्जे बहुत ही पतले थे ओर उन पर समान भी नाममत्र था, फ़िर हम ने यहा से त्रेइवि फ़ाऊन्टेन ( Trevi Fountain ) घुमने का प्रोग्राम बनाया, इस के बारे मे (त्रेइवि फ़ाऊन्टेन ) बहुत सुना था सोचा चलो आज देख भी ले,चलिय अभी आप कुछ फ़ोटो वेटिकेन के देखे,कल आप को त्रेइवि फ़ाऊन्टेन घुमये गे, नमस्कार कल तक के लिऎ

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