आज बीबी सी पर एक खबर पढी तो इन लोगो पर तरस भी आया ओर गुस्सा भी, पता नही किस मिट्टी के बने हे यह लोग, शर्म नाम की कोई चीज ही नही इन के पास..... जनता मिल जुल कर रहना चाहती हे, पुरानी बीती बातो को भुलाना चाहती हे, लेकिन यह लोग अपने गंदे कारनामे छुपाने के लिये हमे बार बार लडवाना चाहते हे....अब जनता को जागरुक होना चाहिये वो चाहे हिन्दू हो मुस्लिम हो या अन्य धर्म के लोग.... हमे इन की बातो मे नही आना चाहिये जो नाक कर गंदगी मे डुबे हे, ओर जब पकडे गये तो हमारा ध्यान हटाने के लिये उलटे सीधे ओर घटिया बातो पर उतर आये...
राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार और आदर्श हाउसिंग सोसाइटी के कथित घोटाले पर चुप्पी साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस की अखिल भारतीय बैठक में धार्मिक कट्टरवाद के मुद्दे को लेकर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है.पुरी खबर पढने के लिये यहां जाये
राज जी, कांग्रेस का यही खेल है। कुटिल राजनीति में माहिर है। पता नहीं भारत की जनता कब सयानी होगी?
ReplyDeleteये राजनीती जो न करा दे थोडा है.
ReplyDeleteअफ़सोस होता है यह सब सुनकर-पढकर।
ReplyDeleteराजनीति का हर खेल ही घिनौना है
ReplyDeleteखेल चाहें कोई भी हो पर जनता ही खिलौना है
इन दलों और नेताओं का तो जन्म हुआ ही इसलिये है
ReplyDeleteइनका तो शुरू से ही यही नियम-धर्म रहा है!
ReplyDelete--
ज्योति-पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
madam ji soch rehi ki
ReplyDeletesab cwg aur aadersh ghotale ko bhul ker hindu muslim me ulajh aajye
जब किसी मुद्दे को दबाना होता है तो धर्म के मुद्दे सामने आ जाते हैं ...और आम जनता यह सब सहती है ...
ReplyDeleteजय हो राजनीती की.
ReplyDeleteरामराम
ये तो हमेसा से होता आया है जब भी इन कांग्रेसी सरकारों से सवाल पूछो तो इन्हे हमेसा साम्प्रदायिकता की याद आ जाती है | हर बात पर अपनी राय देने वाले राहुल बाबा भी इन मसालों पर चुप्पी साध लेते है |
ReplyDeleteहे! राजनीति माई
ReplyDeleteअसत्त की सवाई
तोहरे कारण अब
देश की लुटिया डूबन आई
:)
आदर्श हाउसिंग तो देश का आदर्श नहीं हो सकती है।
ReplyDeleteऐसा है जी ... कि राजनेताओं का काम है आम जनता को भड़काना ... क्यूंकि इसीमें उनका फायदा है ... पर आम जनता का फायदा किस में है ... ये बात जनता को खुद समझना चाहिए ... अगर हम बेवक़ूफ़ हैं तो दूसरों को गाली देने में कोई मतलब नहीं ... राजनेता अपना काम कर रहे हैं ... हमें अपना काम करना चाहिए ... यानि कि धर्म, जाती और प्रांतीय भेद भाव छोड़ देना चाहिए ... क्या हम ये कर रहे हैं ... नहीं कर रहे है ... तो राजनेताओं को क्यूँ कोसे?
ReplyDeleteसबसे दुःख की बात यह है की अब ये राज नेता भ्रष्ट होने के साथ-साथ भडुए से भी निचे गिरते जा रहें हैं और इनकी वजह से देश और समाज जानवरों का समाज बनता जा रहा है ......इन भडुओं को अब कोई काली...दुर्गा और नर्शिंह अवतार ही समाप्त कर सकता है....तब तक इंसान को इनके हाथों प्रतारित होना ही परेगा....
ReplyDelete... shubh diwaali !!!
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ReplyDeleteआपका कहना ज़ायज़ है,
पर आमलोग इतना सोचते ही कहाँ हैं ?
ये कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन है .... पर उसे हमेशा से इस बात का फायदा हुवा है ... ये तो देश की जनता को समझना चाहिए ...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
ReplyDeleteराजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!
इसी लिये लोग आजकल राजनीति को गंदी कहते है |
ReplyDelete.
ReplyDeleteइसी कांग्रेसी मानसिकता से दुखी होकर मैंने ये पोस्ट लिखी थी ।
"क्या हिन्दुस्तान आजाद है ? पहले मुग़ल , फिर अंग्रेज़ और अब कांग्रेसी मानसिकता के गुलाम हैं हम "
http://zealzen.blogspot.com/2010/10/blog-post_23.html
आपने इस विषय को उठाया , इसके लिए साधुवाद स्वीकारिये।
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देखो जी, गांधी जी ने जो भी किया देश के लिए और प्रायः लोग उनके हर किए को अच्छा मानते हैं। गांधीजी का वरदहस्त है नेहरू परिवार पर। गांधी जी की बदौलत ही नेहरू प्रधानमंत्री बने, जिन्ना बदर हुए और पाकिस्तान जैसा महान देश भी अस्तित्व में आया। गांधी जी नितांत नैतिक आदमी थे, सो कुछ बोले नहीं और भगत सिंह-राजगुरु और सुखदेव को फांसी हो गई। वैसे तो भारत से पहले भी अंग्रेज तमाम उपनिवेशों को छोड़कर भागने के लिए मजबूर हो रहे थे किंतु यहां गांधी की लाठी कमाल कर रही थी, उधम सिंह की शहादत तो बस ऐसी ही थी। चंद्रशेखर आजाद भी पंडित थे, किंतु नेहरू परिवार वाला पंडितपन उनमें न था। सुभाष चंद्र बोस बेचारे बन गए एक नेहरू गांधी परिवार के आगे। तो भाई, अपना मतलब ये है कि जब गांधी जी का सरनेम नेहरू परिवार के साथ जुड़ा है तबतक आंखें बंद किए रहो। देश में परिवर्तन आएगा। एक गांधी ने अंग्रेजों को दौड़ा दिया था, अब तो इतने गांधी हैं। अब तो गुजरात में मोदी पैदा होते हैं, गांधी दिल्ली के ही होकर रह गए। गोडसे हत्यारा है, मोदी सांप्रदायिक। कांग्रेस देशहितैषी है, संघ और भाजपा उग्रपंथी। अब तो चव्हाण जैसे महापुरुष देशभक्त हैं, देशभक्तों का राशन जो खाते हैं। सोनिया सही है, क्योंकि उसे अमेरिका सही मानता है। बिना खोपड़ी का सरदार सही है, क्योंकि उसे सोनिया सही मानती है। कलमाड़ी को गलत कौन कह सकता है, जब सरदार जी ही उसपर वाशिंग पाउडर डाल रहे हैं। बहरहा, मैं तो अचानक आपके ब्लाग पर आ गया। टिप्पणी चुभे तो अच्छा है। इस समय तो अपुन लोग ब्लागिंग-ब्लागिंग खेलें, सारी दुनिया जाए भाड़ में।
ReplyDelete@ क्षितिज के पार bahut सुंदर टिपण्णी लगी ओर टिपण्णी मे छुपा दर्द भी हमे अपना सा लगा, भई हम तो नेता जी सुभाष चंद्र, ओर भगत सिंह ओर बाकी शहिदो के दिवाने हे, फ़िर आप की टिपण्णी केसे चुभेगी, यह तो आधे से ज्यादा लोगो के दिल के दिल की आवाज हे, धन्यवाद
ReplyDeleteकांग्रेस ने पिछले ६० साल में देश का यही हाल किया है - कोई उम्मीद नहीं है उनसे !
ReplyDeleteपूरे परिवार को मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनायें इस पावन पर्व की !
धन्यवाद !
राम त्यागी
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteकुटिल राजनीति :(
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आपको भी दीपावली की शुभकामनायें... सादर
ReplyDeleteमुद्दे सब अपनी जगह रहते हैं, बस इन राजनितिक पार्टिओं का जिसमें फैदा हो, वोह ख़ास मुद्दा बन जाता है. बफरत के सौदागर हैं यह सब कुर्सी के लालची.
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