अभी लेपटाप कोई लेने नही आया, शायद कल परसॊ आ जाये, या घर पर ही ठीक कर जाये, पता नही, तब तक मै यहां आप सब के साथ ही हुं...
एक दुखद सुचना..... आज हमारी १० साल की एक चिडियां चल बसी, जो शायद मेरा इंतजार ही कर रही थी, सुबह सब ठीक थी, दोपहर बाद चीं चीं करती रही फ़िर चुप हो जाती, जब मै घर आया तो उस की आवाज मेरे कानो मै पडी तो मेने कहा इसे तंग मत करो, तो बीबी ने कहा यह दोपहर से ही इस तरह से आवाज निकाल रही है, तो मेने उसे हाथो मै लेकर प्यार किया, ओर उस के पंख वगेरा चेक किये, दोनो पेर चेक किये सब ठीक ठाक थे, फ़िर सारा शरीर देखा सब ठीक बच्चो ने कहा कि डाकटर के पास ले चलते है, मेने कहा अपह्ले देखे तो सही इसे है क्या, फ़िर मेने उसे प्यार किया ओर वापिस उस की जगह बेठा दिया.
थोडी देर बाद बडे लडके ने देखा तो वो नीचे लेटी थी आंखे बंद किये हम ने उसे बुलाया, कोई हरकत नही हुयी, हम सब का दिल बहुत खराब हुया, अभी उसे नीचे जा कर नदी मै बहा देगे, यह चिडिया जिस का नाम हम ने हांसी रखा था, हमारे साथ बोलती थी, हमारे बोलने के शव्दो की नकल करती थी, ओर हमारे साथ खेलाती भी थी. खाने के समय उसे भी खाना ना दो तो शोर मचाती थी, रात को आठ बजे के बाद उस के कमरे मै कोई लाईट जगा दे या आवाज करे तो बहुत जोर से शोर मचाती थी.
अब हम ने सोचा कि आगे से कोई भी चिडिया नही पालेगे..... इन के जाने से बहुत दुख होता है.........
भगवान अगर सच मै दुसरा जन्म देता है तो अगले जन्म मै इसे जरुर किसी अच्छी योनि मै जन्म दे, क्योकि यह हमारे पास करीब दस साल रही , ओर सब के मन को भाती थी
ham aap ke sath he is dukh me
ReplyDeleteshekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
सच में बहुत दुख होता जब कोई अपना चला जाता है।
ReplyDeleteवाकई दुखद है.
ReplyDeleteदुखद! उसकी आत्मा को शांति मिले
ReplyDeleteसादर वन्दे!
ReplyDeleteआपने गिल्लू की याद दिला दी यह भी कुछ उतनी ही मार्मिक घटना है.
याद तो हमें रखना चाहिए कि
जीने के साथ मरना भी लिखता है भगवान
फिर भी उसको भूल कर जीता है इन्सान
रत्नेश त्रिपाठी
sad,which bird was this -a parrot or love bird?
ReplyDeleteइन के जाने से बहुत दुख होता है.........
ReplyDeleteसच में बहुत दुख होता जब कोई अपना चला जाता है|
पहले बहुत शौक था, पर एक बार ऐसे ही अपने प्यारे पपी के जाने के बाद से फिर किसी को नहीं पाला। घर के सदस्य बन कर दिल में जगह जो बना लेते हैं।
ReplyDeleteअत्यंत मार्मिक
ReplyDeleteये हमारी तरह बोलकर अपना दुख नही बता सकते
हार्दिक सम्वेदना
अर्विंदर जी यह चिडिया बेलने सिटी के नाम से जानी जाती है हमारे यहां , वेसे यह आस्ट्रेलिया मुळ की थी, तोते से मिलती जुलती लेकिन उस से छोटी....
ReplyDeletemay her soul rest in peace !
ReplyDeleteकिसी के साथ जब प्रेम का बधंन बंध जाता है तो उस से अलग होने पर दुख तो होता ही है...चाहे वो कोई भी जीव हो.
ReplyDeleteस्कूल के वक़्त एक पाठ था हिंदी की किताब में गिल्लू, एक गिलहरी के बारे में था. आज यह पोस्ट पढ़कर वो याद आ गया.
ReplyDeleteइन्सान चार दिन किसी के साथ रह ले, तब उसके साथ लगाव हो जाता है....आप लोगों नें तो उसके सथ दस साल व्यतीत किए हैं...सो उसके वियोग का दुख होना तो लाजिमी है...
ReplyDeleteआपका दुख समझ सकता हूँ..मैं कई दिन अपसेट रहा जब मेरी चिड़िया एना मरी.
ReplyDeleteआपके दुःख में शामिल हैं - श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteआपके दुख में हम भी सहभागी बन जाते हैं!
ReplyDeleteवाकई दुखद है....
ReplyDeletedukhad to hai par chaliye us parinde ko pinjde se mukti mili..
ReplyDeleteबेहद दुखद, भगवन आपकी मनोकामना पूरी करे और इस नन्ही चिड़िया को अच्छी योनि मै जन्म दे
ReplyDeleteregards
सचमुच बहुत दुःख होता है जब कोई अपना चला जाता है। हम आपके दुःख में साथ हैं राज जी। ईश्वर हांसी की आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
ReplyDeleteमै समझ सकता हूं आपका दुःख भाटिया जी।हम लोगों ने भी अपने गोलू(पामेरियन)की मौत के बाद से दूसरा गोलू लाने की हिम्मत नही की है
ReplyDeleteएक ही बात कहना चाहूँगा की आपकी चिड़िया बहुत भाग्यवान थी जो इतने सारे बुद्धि जीवी लोगों में उसके लिए समय निकाला, वो भी उस देश में जहाँ हजारों गायें रोज काट दी जाती हैं और इन बुद्धिजीवियों में से एक के भी ब्लॉग पर मैं इस विषय पर कुछ नहीं देख पाया !
ReplyDeleteधन्य है हमारा देश ! धन्य है हमारे देश की चिड़िया ! और महा धन्य हैं इस देश के बुद्धिजीवी !
!!!! बस एक ही धुन जय-जय भारत !!!!
राज जी,
ReplyDeleteये चि़ड़िया नहीं कोई फरिश्ता थी जो आप का हाथ लगने के बाद स्वर्ग की उड़ान भरने का इंतज़ार कर रही थी...
परिंदों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता...
जय हिंद...
राज जी,
ReplyDeleteये चि़ड़िया नहीं कोई फरिश्ता थी जो आप का हाथ लगने के बाद स्वर्ग की उड़ान भरने का इंतज़ार कर रही थी...
परिंदों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता...
जय हिंद...
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ReplyDeleteएक बार हमने भी एक तोता पला था....कुछ ही महीनों में मर गया! तब बड़ा दुःख हुआ था!
ReplyDeleteबहुत ही दुखद...आपके दुःख में शामिल हैं,हम सब
ReplyDeleteदुख की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं।
ReplyDeleteहांसी को मुक्ति मिले। भगवान उसे बहुत प्यार दें!
ReplyDeleteraj ji namaskar .. sach me jab koi bahut dino tak bina kisi swaarth ke apne saath rah jaata hai aur ekaek chal basta hai to bahut hi dukh hota hai ....
ReplyDeleteaabhar
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com