21/08/08

गाम की कुरड़ी वो जोहड़ का पाणी

वो गाम की कुरड़ी वो जोहड़ का पाणी

ये सोफा भी ले लो, ये बेड भी ले लो -
मन्नैं दे दो वा सणी की खाट, वा पलंग
पुराणीये चादर भी ले ल्यो, या सौड़ भी ले ल्यो
मन्नैं दे दो वा खरड़ पुराणीबेशक
खोस ल्यो मेरे तैं या मेरी जवानी
पर मन्नैं दे दो उल्टे बचपन के चौमासे,

वो गाम की कुरड़ी वो जोहड़ का पाणी

कदे फिरणी पै थळियां पै जाणा
वो रूंढी-खूंढियां कै पाछै हांडणा
करड़े घाम में गाळां मैं दामी कहना
वे चिड़िया, वे मोर, वे म्हाळ तोड़ना
वो ऊंची फिरणी, वा बणी पुराणी

वो दादा का डोग्गा, दादी की पुचकारी
व टूटी साईकल, वा बुग्गी बिराणी
गाम की सब-तैं हेल्ली पुराणी

वे गोळी, बित्ती-डंडा आर् खुळिया खेलना
वे कुतिया ब्यावण पै पिल्यूर्यां पै लड़ना-झगड़ना
वो पीपळ पर तैं पड़ना, पड़ कै रिंडाणा

वे गन्डे पाड़-कै झीक-झीक चूसणावे कोल्हू,
वे कोल्हड़ी, वे ढाणे, वे बरौली
वा होक्कयां की गुड़-गुड़, वा बुळ्धां की टाल्ली

जोहड़ मैं बड़-कै रूंढी न्हुवाना
वो घरक्यां तैं लुक कै दाण्यां की चीज्जो ल्याणा
नाह किसै का रौळा, नाह किसै की चक-चक

नाह क्याहें का गम था, नाह क्याहें की चिन्ता
बड़ी कमाल थी वाह जिन्दगानी...
बेशक खोस ल्यो मेरे तैं या मेरी जवानी
पर मन्नैं दे दो उल्टे बचपन के चौमासे,
वो गाम की कुरड़ी वो जोहड़ का पाणी


सणी=सन जिस से चार पाई बुनते हे
सॊड=रजाई
खरड_ गाय भेसंओ के खाने ओर चारा चरने वाली जगह
कुरडी=जहा घर का गन्द फ़ेका जाता हे
जोह्ड=तालब
बाकी शव्दो का हमारा प्यारा ताऊ बतायेगा मतलब

15 comments:

  1. अपनी मिट्टी की सौंधी महक है
    इस सुंदर प्रस्तुति में......सच बहुत
    अच्छा लगा पढ़कर.
    ==========================
    धन्यवाद
    डा.चन्द्रकुमार जैन

    ReplyDelete
  2. kuch shabd samajh me aaye kuch nahi aaye,jhoot nahi kahunga lekin han bhav samajhne me koi dikkat naahi hui,sach ye saali zanzaton ki duniyan me sabse badhiya hota hai bachpan,bachpan har gum se begana hota hai.achha socha

    ReplyDelete
  3. अत्यंत भावपूर्ण .बचपन ऐसा ही होता है जिसे बार बार जीने की इच्छा करे.

    ReplyDelete
  4. बहुत खूब। पता नही कितने साल हो गए इन शब्दों की मिठास को सुने। वाह बहुत उम्दा कह गए अपनी बातें। दिल खुश हो गया।

    ReplyDelete
  5. कुछ शब्दों को पढने मे जरा दिक्कत आई पर भाव समझ मे आ गए।

    अगर कुछ कठिन शब्दों का हिन्दी अर्थ भी लिख दे तो समझना और भी आसान होगा।

    ReplyDelete
  6. के बोल्लू इब ....म्हारी आँख गिल्ली कर दी .......

    ReplyDelete
  7. बहुत अच्‍छा लगा पढ़ना। आभार इस सुंदर प्रस्‍तुति का।

    ReplyDelete
  8. जोहड़ मै बड-कै रुन्ढी नुहाणा...
    बड़े भाई आज जब तै थारी यो पोस्ट पढी सै !
    म्हारै त म्हारा गाम ही याद आया जासै ! गाम
    म म्हारै धोरै भी एक रूंडी थी ! और भाई इसनै
    जोहड़ म बडण क बाद निकालणा मुश्किल !
    हम भी पुरे जोहड़ म इसकी पूंछ पकड़ क
    तैर लिया करते थे ! बाकी सारे मतलब तो
    थमनै बता दिए सें ! इब रूंडी का मतलब
    होवै सै भैंस ! :)

    पर भाई आज परमानंद आया आपकी पोस्ट मै !

    ReplyDelete
  9. भावुक कर देने वाली प्रस्तुति.

    बहुत उम्दा, क्या बात है!

    ReplyDelete
  10. आदरणीय भाटिया जी,

    आपका ब्ल़ॉग देखा. बहुत आनंद आया. खासकर कहावत.

    आपने मेरी कविता पर अपनी टिप्पणी दी और वहीं से मैंने आपका ब्लॉग पाया. मैं प्रवासी भारतीयों के लिए - गर्भनाल - नामक ई-पत्रिका पीडीएफ फॉर्मेट में निकालता हूं. इस पत्रिका के अब तक २१ अंक निकल चुके हैं. अगर आपको उचित लगे तो इसमें रचनात्मक योगदान दें. पत्रिका ईमेल के जरिये भेजी जाती है. कृपया अपना ईमेल दें ताकि पत्रिका भेजी जा सके.

    सादर
    आत्माराम

    ReplyDelete
  11. bhavuk kar dene vali achchi rachana .bahut badhiya raaj ji .

    ReplyDelete
  12. सुँदर कविता और प्रभावशाली प्रस्तुति है
    - लावण्या

    ReplyDelete
  13. itni meeth bhasha ke saath jo likha,bahut achha laga,ghar jaisa laga

    ReplyDelete
  14. बहुत दिनों के बाद कोई देसी रचना पढ़ी ...बहुत बढ़िया लगी!

    ReplyDelete
  15. भाषा पुरी समझ नहीं आई लेकिन भावनाएं खूब समझ आई !

    ReplyDelete

नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये