एक बार चाय की दुकान पर तीन दोस्त बेठे थे..उन मे एक बिहारी बाबु थे, दुसरे गुजराती थे, तीसरे पंजाबी थे, तो सुनये आगे की राम कहानी, कुछ हंसी आये तो हंसना मना भी नही.
पहले बिहारी बाबु जी ने चाय मगंबाई,चाय पीने लगे तो देखा, अरे चाये मे मक्खी जनाब ने मक्खी को निकाल के चुसा ( मक्खी मे जो चाय लगी थी ) फ़िर मक्खी को फ़ेंक कर चाय पी ली.
फ़िर गुजराती भाई ने चाय मगंबाई,चाय पीने लगे तो देखा, अरे चाये मे तो मक्खी हे,जनाब ने मक्खी को निकाला, चाय मे निचोडा बची मक्खी को फ़ेक कर बाकी चाय पी गये.
फ़िर पंजाबी भाई ने चाय मगबाई, चाय पीने लगे, अरे चाय मे तो मक्खी हे,जनाब ने मक्खी निकाल कर गुजराती को दे दी, चाय बिहारी बाबु को दे दी खुद दुसरी चाय मगंवाली
बहुत खूब..
ReplyDeleteबात तो बहुत मजेदार है....ध्यान रखें कहें बिहारी मुद्दा संसद में न उठा दें