26/03/08

चिंतन तुच्छ

आज का विचार यानि मन्थन हमारे सब के विचारो का, हम मे तुच्छ यानि छोटा कोई भी नही हे, अमीर गरीब, लिखा पढा, अनपढ इन से हमे अपने आप को कभी नही तोलना चहिये, ना ही हमे इन चीजो का घमण्ड करना चहिये, कयो की हर व्यक्ति मे कोई ना कोई गुण होता हे,तुच्छ यानि छोटा कोई नही,आज किसी गरीब का बेटा कल हम से ऊपर किसी अच्छे पद पर हॊ
तुच्छ
आज का चिंतन..
एक बार समुन्द्र के किनारे कुछ चिडिया चहक रही थी, कभी इधर कभी उधर उड रही थी,कभी एक चिडिया दुसरे के पीछे भाग कर समुन्द्र के उपर भी उड जाये, यह सब अटखेलिया समुन्द्र भी देख रहा था, उसे भी मजा आ रहा था,तभी समुन्दर के मन मे भी एक मजाक आया ओर उस ने एक चिडियो के झुड को अपनी लहरो को ऊचा करके किनारे पर गिरा दिया,एक दो बार फ़िर ऎसा ही किया, तो चिडियो को थोडा गुस्सा आया, समुन्दर उन का गुस्सा देख कर घमण्ड से जोर जोर से हंसने लगा, अब चिडियो ने उस से कहा देखो समुन्द्र तुम हमे तंग मत करो, तभी समुन्द्र ने कहां नही तो कया कर लोगी, बोलो बोलो ,देखती नही मेरा रुप, ओर तुम् कितनी छोटी सी हो, बोलो कया करोगी मेरा, मेरा सारा पानी पिलो गी, चिडिया ने कहा हा हम तेरा सारा पानी पी लेगी, समुन्दर ठह्के लगा कर हंसने लगा ओर उन चिडियो का मजाक करने लगा.
सभी चिडियो ने अन्य पक्षियो से बात की ओर सभी पक्षी समुन्द्र से अपनी चोंच भर कर पानी लाने लगे, समुन्दर फ़िर भी उन का मजाक उडाता रहा, लेकिन थोडी हे समय मे वहां ओर भी पक्षी आ गये, ओर जब उन्हे बात का पता चला तो वो भी अपने साथियो का साथ देने लगे,अब धीरे धीरे पक्षी बडते जा रहे थे, ओर सभी पक्षी अपनी नन्ही सी चोंच भर कर समुन्द्र को खाली करने लगे,लेकिन समुन्द्र को अभी भी घमण्ड था, सो उसने घमण्ड से कहा तुम कया वेवकुफ़ी कर रहे हो,तुम सब मुझे कभी भी खाली नही कर सकते, इतना सुनते ही उन सभी पक्षियो मे ओर भी हिम्मत जाग गई, एक चिडिया बोली जब तक हम मे हिम्मत ओर जान हे हम लगे रहए गे,थोडी देर मे पक्षियो के साथ साथ पशु भी लग गये,ओर इसे देख कर समुन्द्र सच मे डर गया, ओर अपनी गलती की माफ़ी मांगी.
आप ने देखा भी होगा एक छोटा सा तिनका अगर कभी आंख मे पडजाये तो कया होता हे.

7 comments:

  1. भाटिया जी कहानी तो ठीक है । चिंतन कहाँ है ।लगता है अगले भाग मे आए गा।
    :-)

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  2. भई जेसे कडबी दवा देनी हो बच्चे को तो टांफ़ी का लालच देना पदता हे,वेसे हे चिंतन मे किसी को आप बोल दो *भाई आप किसी को छोटा मत समझॊ** मुझे लगता हे इस का असर कम होगा वही बात आप एक कहानी मे कहोगे तो ...
    आप का धन्यवाद टिपण्णी देने का.

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  3. bahut hi sundar kahani hai,aur sandes bhi.

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  4. राज जी, कहानी अच्छी है और संदेश भी. कहानी के ज़रिए संदेश देने का तरीका अच्छा है.

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  5. राज जी,कहानी बहुत पसंद आई। और हम सब को बहुत बड़ा संदेश दे गई कि कभी भूल कर भी घमंड को अपने पास फटकने नहीं देना चाहिये, नहीं तो इतने विशालकाय समुंदर की तरह पछताना पड़ सकता है। मुझे तो लग रहा है कि यह कहानी कुछ कुछ जनता जनार्दन की शक्ति की बात कह रही है कि अगर जनता किसी मुद्दे पर एकजुट हो जाये तो यह किस तरह कुछ भी करने या करवाने के लिये सक्षम है।

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  6. अच्छी कहानी..घमंड का अंत तो ऐसे ही होता है. उत्तम संदेश और उसे पहुँचाने का माध्यम, बधाई. जारी रखें.

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  7. आप सब का धन्यवाद,चोपडा जी आप की बात भी ठीक हे अगर जनता जनार्दन साथ मिल कर ऎसा करे तो देश का ओर जनता का भला तो होगा ही, ओर यह नेता भी सीधे हो जाये गे, कोई कहानी सोचुगा इस पर भी,अगर आप की नजर मे हो तो जरुर वताये.ओर समीर जी, खुल के बोल जी, महक जी, विकास जी, बात आप सब की ठीक हे,आप सब का धन्यवाद

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