मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
10/01/08
डिनर फॉर वन
डिनर फॉर वन , यह कहानी एक रानी की हें, जो समय के अनुसार अब अकेली हो गई हे, लेकिन नया साल हर बार अपने दोस्तो के साथ मनाती हे,जो सब मर चुके हे,केसे ?? यह देखिऎ
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