पुराने गीत आजकल बहुत कम सुनने को मिलते हे,लेकिन जब कही सुनाई पड्जाऎ तो साथ मे गुन गुनाऎ वगेर नही रहा जाता चाहे वो आज के नोजवान हो या फ़िर मेरी उम्र के लोग,चलिये देखते हे
यह गीत फ़िल्म *एक मुसफ़िर एक हसीना*(१९६२ मे बनी थी) से लिया गया हे,इस फ़िल्म के सितारे-जय मुकर्जी, साधना,राजेन्द्र्नाथ ओर साथी थे,संगीत से सवांरा था ओपी नय्यर जी ने,शब्द दिये थे मोहम्मद रफ़ी जी ओर आशा भोसाले जी ने
08/01/08
आप यू ही अगर हम से मिलते,,
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bahut hi pyara geet hai ye..sunane ka shukriya
ReplyDeleteबहुत बहुत ध्न्य्वाद आप का
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