tag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post4265632039808949736..comments2023-10-30T10:33:52.245+01:00Comments on पराया देश Paraya Desh: यह चोंचले नही तो ओर कया हेराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-89636083403065079302008-02-19T15:31:00.000+01:002008-02-19T15:31:00.000+01:00अविनाश भाई मे सीधा सादा आदमी हु,मुझे सीधी बात समझ ...अविनाश भाई मे सीधा सादा आदमी हु,मुझे सीधी बात समझ मे आती हे,घुमा फ़िरा कर बात करना मुझे नही आता , ओर ना ही ऎसी बात समझ मे आती हे,मुझे आप सब की टिपण्णी पसन्द आई,अब जिस की जितनी समझ हे उस ने उसी के हिसाब से टिपण्णी दी हे,अब इस मे मजा आने की कया बात हे,अगर आप मां बहिन की गलिया भी दो गे तो, मे थोडे ही ना वपिस दुगां, यह तो हमारे संस्कार हे, आप को दुवार से धन्य्वाद करता हु,कुछ बुरा लगे तो माफ़ करना.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-31307720492526174402008-02-19T14:26:00.000+01:002008-02-19T14:26:00.000+01:00पसन्द कौन सी आई और मज़ा किसमें आया, यह भी तो बताईये...पसन्द कौन सी आई और मज़ा किसमें आया, यह भी तो बताईये ? बताईये ?? धन्यवाद करके ही न खिसक जाईये.अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-58544901149569070552008-02-19T12:20:00.000+01:002008-02-19T12:20:00.000+01:00आप सभी का बहुत बहुत ध्न्यवाद टिपण्णी देने के लिये....आप सभी का बहुत बहुत ध्न्यवाद टिपण्णी देने के लिये.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-83092700012489856522008-02-19T01:43:00.000+01:002008-02-19T01:43:00.000+01:00शिक्षा का व्यावसयीकरण हुआ है। ये वे ही स्कूल हैं ज...शिक्षा का व्यावसयीकरण हुआ है। ये वे ही स्कूल हैं जो मां-बाप का इंटरव्यू ले कर उन की जेब का फ्यूचर टटोलते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-28455295516625921442008-02-19T00:18:00.000+01:002008-02-19T00:18:00.000+01:00राज भाटिया जी की कोई ऐसी मन्शा नहीं दिखाई देती कि ...राज भाटिया जी की कोई ऐसी मन्शा नहीं दिखाई देती कि वे भारत को किसी भी प्रकार से नीचा दिखाने की कोशिश की हो। वास्तव में तो प्रवासी लोग इस कारण से ऐसी बातें पूछ लेते हैं जिससे यदि कोई विदेशी(जैसे गोरा) ताना सा मारते हुए कुछ ऐसा विकट सा सवाल सामने लाए तो मुंह तोड़ जवाब दे सकें। आज दुनिया बहुत छोटी हो गई है। हर देश में दूसरे देश की बुराईयां या अच्छाईयां मीडिया द्वारा पहुंच ही जाती हैं। छुपाने से दोनों ही गुण छिपते नहीं हैं। <BR/>जहां तक माता पिता के टेस्ट की बात है, यह मुझे मालूम नहीं कि वह लिखत टेस्ट है या <BR/>जुबानी। यदि मां बाप के लिए लिखित टेस्ट दिया जाता है तो उन अनपढ़ लोगों का क्या होगा ? क्या उनके बच्चों को दाखला नहीं देना चाहिए? विधान के अनुसार हर बालक को शिक्षा का अधिकार है।महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-78377968320915693922008-02-18T17:20:00.000+01:002008-02-18T17:20:00.000+01:00इसलिये क्योंकि जब बच्चे के मां बाप ने अपना एडमिशन ...इसलिये क्योंकि जब बच्चे के मां बाप ने अपना एडमिशन करवाया था, तब टेस्ट नहीं होते थे. अब उनका टेस्ट लेकर कमी पूरी की जा रही है तो आपको कमी हटाने में कमी क्यों नज़र आ रही है. <BR/><BR/>और रहा बच्चा वो अपना टेस्ट अपने बच्चों का एडमिशन करवाते समय दे ही देगा, अगर आप इस परम्परा आपके अर्थों में गुंडागर्दी को जारी रहने देंगे तब न ?अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-88395974346692152292008-02-18T17:04:00.000+01:002008-02-18T17:04:00.000+01:00केवल जी, घर से दुर जाने पर घर, या घर वाले छुट तो न...केवल जी, घर से दुर जाने पर घर, या घर वाले छुट तो नही जाते,भारत मेरा देश हे,तुम सब भी मेरे हो तुहारी प्रेशानिया भी तो हमारी हुई, फ़िर अपने घर मे जो कमी हो उस पर चर्चा करना बुरा हे कया ?वेसे मेने भारत की बुराई नही की.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-15932621742984581722008-02-18T16:52:00.000+01:002008-02-18T16:52:00.000+01:00aap toh is bharat sae dur haen phir aap ko yaahan ...aap toh is bharat sae dur haen phir aap ko yaahan kii perashaiyaa chochlae , dakhosalae kyon pareshan kartey haen. jo desh sae door haen desh prem per naa bolae aur desh kii buraaii to kam sae kam naa hee karaeAnonymousnoreply@blogger.com