tag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post2512269884644582367..comments2023-10-30T10:33:52.245+01:00Comments on पराया देश Paraya Desh: पैसा पैसा हाय पैसाराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comBlogger50125tag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-34536300741797478722011-05-09T14:13:55.710+02:002011-05-09T14:13:55.710+02:00मोह,अज्ञान और आसक्ति के कारण ही हम जीवन का ध्येय न...मोह,अज्ञान और आसक्ति के कारण ही हम जीवन का ध्येय नहीं समझ पाते.या समझ कर भी अनजान बने रहते हैं.<br />आपने सुन्दर प्रेरणास्पद प्रस्तुति की है.<br />बहुत बहुत आभार इस प्रस्तुति के लिए.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-58492552189408753282011-05-07T17:33:11.601+02:002011-05-07T17:33:11.601+02:00ये नशे के प्रकार हैं। पैसे कमाने का नशा हो या बाबा...ये नशे के प्रकार हैं। पैसे कमाने का नशा हो या बाबाओं की अंध भक्ति का।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-61742544417254365202011-05-07T07:00:18.507+02:002011-05-07T07:00:18.507+02:00क्या करे इंसान किसी न किसी पर भरोसा करना ही पड़ता ह...क्या करे इंसान किसी न किसी पर भरोसा करना ही पड़ता है श्रद्धा रखनी पड़ती है ऐसे मे बाबा लोगो की बन आती है । पर श्रद्धा लोगो की निजी राय है दूसरो को उस पर आक्षेप नही करना चाहिये ।Arunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-19761830685433981522011-05-07T04:04:51.914+02:002011-05-07T04:04:51.914+02:00न हाथी है न घोडा है वहां पैदल ही जाना है ...
शुभका...न हाथी है न घोडा है वहां पैदल ही जाना है ...<br />शुभकामनायें राज भाई !सतीश सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/05149468531296010191noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-28832439081934158092011-05-06T08:18:34.634+02:002011-05-06T08:18:34.634+02:00bilkul sahi baat kahi aapne,par udaaharn......
ku...bilkul sahi baat kahi aapne,par udaaharn......<br /><br />kunwar ji,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-43896618121493845292011-05-05T13:41:56.640+02:002011-05-05T13:41:56.640+02:00कोई जागे या ना जागे , हम तो आवाज लगाते रहेंगे , बह...कोई जागे या ना जागे , हम तो आवाज लगाते रहेंगे , बहुत सुंदर आलेख , बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-21615836904614892602011-05-05T07:22:12.200+02:002011-05-05T07:22:12.200+02:00सच्चाई को बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है आपन...सच्चाई को बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है आपने! आख़िर सभी खाली हाथ आते हैं और खाली हाथ ही जाते हैं! बढ़िया लगा!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-34640113404354590332011-05-05T06:10:02.479+02:002011-05-05T06:10:02.479+02:00आज जब इन्सान खुद का पेट नहीं पाल पा रहा है ऐसे मे...आज जब इन्सान खुद का पेट नहीं पाल पा रहा है ऐसे में एक इन्सान ने करोड़ो लोगों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराइ जो खुद सर्कार भी नहीं करा पा रही है ..इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकतानिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-74301759024374856252011-05-04T10:06:31.053+02:002011-05-04T10:06:31.053+02:00काश कोई ऐसे दृष्टांतों से शिक्षा लेता ।सबको पता है...काश कोई ऐसे दृष्टांतों से शिक्षा लेता ।सबको पता है सिकंदर जब गया दुनिया से दौनों हाथ खाली थे। कविता सुनाई सब ठाठ पडा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा , कहा गया साई इतना दीजिये जामें कुटुम्ब समाय मै भी भूखा न रहूं साधु न भूखा जाये ं मगर ये अर्थ युग है। अर्थ के पीछे हाय हाय । मरने के वाद अरथी कहा गया तो ठीक कहा गयाBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-87262778243339398232011-05-04T06:02:44.096+02:002011-05-04T06:02:44.096+02:00बाबा लोग ज़िन्दा रहते हुये तो कुछ सिखा नही पाते चलो...बाबा लोग ज़िन्दा रहते हुये तो कुछ सिखा नही पाते चलो मर कर ही ये शिक्षा तो दे दी। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-71433813622496723192011-05-03T17:59:09.509+02:002011-05-03T17:59:09.509+02:00काश हर व्यक्ति की पैसों की लालसा मूलभूत साधन और सं...काश हर व्यक्ति की पैसों की लालसा मूलभूत साधन और संसाधन तक ही सीमित रहती...ऐसे बाबाओं की वजह से पैसों की लालसा और बढती है लोगों के मन में ...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-87720090111968279932011-05-02T19:34:34.043+02:002011-05-02T19:34:34.043+02:00माया मोह - अगर संत ना भी चाहे तो देने वाले कितने ह...माया मोह - अगर संत ना भी चाहे तो देने वाले कितने ही हैं .. और फिर वह संत जकड जाता है ऊ सत्ता को बचाने में .. घोड़े वाले हसन ने भी कमाल किया कई हज़ार करोड़ों का इनकम टेक्स डकार गया तो स्विस बेंक की दौलत का कोई हिसाब नहीं... आखिर आदमी को कितनी जरूरत है .. भूख तो रोटी की और प्यास पानी की होती थी ..आज इन लोगों की भूख ही दौलत और प्यास पराया धन हड़पने की है ... और जाते समय क्या ले जाते है .. जैसे आये वैसे गए ..सब यही धरा रह गया ... इस से सच में इंसान को सीख लेनी चाहिए..डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-3693060541389478572011-05-02T15:28:38.727+02:002011-05-02T15:28:38.727+02:00बहुत सुन्दर सार्थक चिंतन...
आपकी पोस्ट पढ़कर यह पं...बहुत सुन्दर सार्थक चिंतन...<br />आपकी पोस्ट पढ़कर यह पंक्तियाँ याद आ गयी ...<br />"माया मोह महा ठगनी हम जानी<br />त्रिगुण फाँस लिए डोले बोले मधुर बानी!! "कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-76339794272478869622011-05-02T13:45:29.845+02:002011-05-02T13:45:29.845+02:00ताऊ जी प्रणाम ...आप ने बहुत ही बारीकी से जीवन के ...ताऊ जी प्रणाम ...आप ने बहुत ही बारीकी से जीवन के अंत को प्रस्तुत किया है ! बहुत - बहुत बधाई !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-37288461588025332592011-05-01T15:36:11.433+02:002011-05-01T15:36:11.433+02:00सार्थक एवं सटीक चिंतन के लिए आभार।सार्थक एवं सटीक चिंतन के लिए आभार।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-22671957652806660892011-05-01T06:20:32.773+02:002011-05-01T06:20:32.773+02:00क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.
क...क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.<br />कडवी सच्चाई को व्यक्त किया है आपने <br />जाने कब हम इससे सबक सीखेंगे.<br />कितने दुःख की बात है की आज भी हम सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं. <br />लोगों को बेवकूफ बना कर गलत कमाई द्वारा परोपकार के काम को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.<br />इसे उचित ठहराने की प्रवृत्ति समाज के लिए बहुत घातक सिद्ध होगी....मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-72062022700411882892011-05-01T06:20:17.472+02:002011-05-01T06:20:17.472+02:00क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.
क...क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.<br />कडवी सच्चाई को व्यक्त किया है आपने <br />जाने कब हम इससे सबक सीखेंगे.<br />कितने दुःख की बात है की आज भी हम सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं. <br />लोगों को बेवकूफ बना कर गलत कमाई द्वारा परोपकार के काम को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.<br />इसे उचित ठहराने की प्रवृत्ति समाज के लिए बहुत घातक सिद्ध होगी....मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-68478154571261886102011-05-01T06:20:15.565+02:002011-05-01T06:20:15.565+02:00क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.
क...क्या खूब लिखा है आपने !बहुत सार्थक लेखन है आपका.<br />कडवी सच्चाई को व्यक्त किया है आपने <br />जाने कब हम इससे सबक सीखेंगे.<br />कितने दुःख की बात है की आज भी हम सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं. <br />लोगों को बेवकूफ बना कर गलत कमाई द्वारा परोपकार के काम को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता.<br />इसे उचित ठहराने की प्रवृत्ति समाज के लिए बहुत घातक सिद्ध होगी....मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-21759143719643243082011-04-30T17:49:45.978+02:002011-04-30T17:49:45.978+02:00बाप रे कैसे कैसे कड़े सवाल उठा मारे हैं आपने भी आज...बाप रे कैसे कैसे कड़े सवाल उठा मारे हैं आपने भी आज. बहुत से बाबा लोगों के भक्तों को आपकी बातें रास नहीं आएंगी.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-66403256931036760632011-04-30T17:42:31.505+02:002011-04-30T17:42:31.505+02:00dunia chhod vairagya liya aur vaha bhi maya jal me...dunia chhod vairagya liya aur vaha bhi maya jal me fans gaye....ant to vahi hua jo sabka hota hai....sarthak chintan.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-73831344858136067782011-04-30T13:52:30.243+02:002011-04-30T13:52:30.243+02:00मौत का एक दिन मुऐयन है ...
नींद क्यों रात भर नही आ...मौत का एक दिन मुऐयन है ...<br />नींद क्यों रात भर नही आती ....<br />बस वैसे ही ग़ालिब का ये शेर याद आ गया आपकी पोस्ट पढ़ कर .... सार्थक चिंतन और लेखन ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-73627115071956605262011-04-30T12:28:33.972+02:002011-04-30T12:28:33.972+02:00जीवन का सच मृत्यु... अगर हम इसे समझ लें तो शायद पा...जीवन का सच मृत्यु... अगर हम इसे समझ लें तो शायद पाप कम हों जायेंगे <br /><br />सटीक लेखन के लिए शुभकामनाएँManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-21270239703586893642011-04-30T11:05:41.552+02:002011-04-30T11:05:41.552+02:00श्री राज जी,
स्वास्थ्य-सुख ब्लाग पर भाभीजी की कलाई...श्री राज जी,<br />स्वास्थ्य-सुख ब्लाग पर भाभीजी की कलाई के दर्द से सम्बन्धित आपके प्रश्न का उत्तर इसी ब्लाग पर अगली पोस्ट के रुप में देने का प्रयास किया है । आप कृपया उसे देखलें व प्रयोग में भी अवश्य करवाएँ । धन्यवाद सहित...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-63862148985772791432011-04-30T09:01:21.499+02:002011-04-30T09:01:21.499+02:00सत्य कहा...
जाते वक़्त साथ सिर्फ किया कर्म ही जात...सत्य कहा...<br /><br />जाते वक़्त साथ सिर्फ किया कर्म ही जाता है...सो बस वही पूंजी जीवन में जुटाना चाहिए..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5924567198968050012.post-38802863243169430092011-04-30T05:27:57.425+02:002011-04-30T05:27:57.425+02:00भाटिया जी ,
जब तक व्यक्ति पैसे से ऊपर उठकर नहीं सो...भाटिया जी ,<br />जब तक व्यक्ति पैसे से ऊपर उठकर नहीं सोचेगा , कभी भी भवसागर पार नहीं हो पायेगा। इस सार्थक आलेख के लिए बधाई एवं आभार।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com