23/05/10

जाये तो जाये कहा???न वहां सुकून, न यहां चैन

पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की शिकायत लेकर भारत आने वाले हिंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

लेकिन सुक़ून की तलाश में अपना घर छोड़कर आए इन लोगों की मुश्किलें यहां भी कम नहीं हो पा रही हैं.

ताज़ा मिसाल राजस्थान के सरहदी ज़िले गंगानगर की है जहां हिंदू समुदाय के दो पाकिस्तानी युवकों ने अपनी शादी तय की.पुरी खबर पढने के लिये यहां चटका लगाये

14 comments:

  1. देश के विभाजन की विडम्बना कभी खत्म नहीं होने वाली। दुःखद है यह सब, लेकिन क्या करें। पाकिस्तान एक नासूर सा है। इसका दिया दर्द मिटने वाला नहीं है।

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  2. सच कहा सिद्दार्थ जी ने.. ये त्रासदी इतनी आसानी से ख़त्म नहीं होने वाली. लिंक देकर ये आवश्यक समाचार पढ़ाने के लिए धन्यवाद सर..

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  3. आभार इस समाचार को पढ़वाने का.

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  4. बेचारे ...ना घर के ना घाट के ...!!

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  5. विचारणीय प्रस्तुती / कल दिल्ली के ब्लोगर सभा में जर्मनी से फोन से ही सही लेकिन भावनात्मक जुड़ाव के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद /

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  6. सच में दुःखद है!

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  7. इस समाचार को पढ़वाने के लिये धन्यवाद!

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  8. भारत की सदाशयता का प्रतिफल भोग रहे हैं, ये सब । हम पप्पू ही बने रहेंगे, लगता है ।

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  9. कितना तकलीफ है, ये समस्या पिछले कई वर्षो से बढती जा रही है.

    पाकिस्तान से क्या उम्मीद करे कोई.

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  10. दुःखद है|आभार इस समाचार को पढ़वाने का|

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  11. सचमुच ...कितनी त्रासद स्थिति है....

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  12. इस खबर के लिये धन्यवाद.

    रामराम.

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  13. हिन्दू अर्थात विडम्बना, विश्वासघात का शिकार और दुर्भाग्य का दूसरा नाम..

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  14. विचित्र त्रासदी है ये |

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नमस्कार,आप सब का स्वागत हे, एक सुचना आप सब के लिये जिस पोस्ट पर आप टिपण्णी दे रहे हे, अगर यह पोस्ट चार दिन से ज्यादा पुरानी हे तो माडरेशन चालू हे, ओर इसे जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा,नयी पोस्ट पर कोई माडरेशन नही हे, आप का धन्यवाद टिपण्णी देने के लिये